बांग्लादेश की PM शेख हसीना पर ढाका में आरोप तय

बांग्लादेश की PM शेख हसीना पर ढाका में आरोप तय
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ 1 जून 2025 को ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) में औपचारिक रूप से आरोप तय किए गए हैं। यह वही न्यायाधिकरण है जिसे हसीना ने 2009 में 1971 के युद्ध अपराधों की सुनवाई के लिए स्थापित किया था, और अब उसी में उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है।
🔍 आरोपों का सारांश
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अपराध का प्रकार: मानवता के विरुद्ध अपराध, जिसमें 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान की गई हिंसक कार्रवाई शामिल है।
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मृतकों की संख्या: संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, इस कार्रवाई में लगभग 1,400 लोग मारे गए थे।
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अन्य आरोप: हत्या, अपहरण, यातना और बलपूर्वक गायब करने के मामले भी दर्ज हैं।
👥 सह-आरोपी
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असदुज्ज़मान खान: पूर्व गृह मंत्री, वर्तमान में भारत में निर्वासन में।
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चौधरी अब्दुल्ला अल मामून: पूर्व पुलिस प्रमुख, वर्तमान में बांग्लादेश में हिरासत में।
🏛️ न्यायाधिकरण की विशेषताएं
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स्थापना: 2009 में शेख हसीना द्वारा 1971 के युद्ध अपराधों की सुनवाई के लिए स्थापित।
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वर्तमान उपयोग: अब इसी न्यायाधिकरण में हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराधों की सुनवाई हो रही है।
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विशेष कदम: बांग्लादेश के इतिहास में पहली बार, इस मुकदमे की कार्यवाही को राज्य संचालित टेलीविजन चैनल BTV पर लाइव प्रसारित किया गया।
📅 आगामी कार्यवाही
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अगली सुनवाई की तिथि: 16 जून 2025 को निर्धारित की गई है, जिसमें हसीना और अन्य आरोपियों को उपस्थित होने का आदेश दिया गया है।
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हसीना की स्थिति: वर्तमान में भारत में निर्वासन में हैं, और बांग्लादेश सरकार ने उनके प्रत्यर्पण के लिए भारत से अनुरोध किया है।
⚖️ निष्कर्ष
यह मामला बांग्लादेश के राजनीतिक और न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां एक पूर्व प्रधानमंत्री को उसी न्यायाधिकरण में जवाबदेह ठहराया जा रहा है जिसे उन्होंने स्वयं स्थापित किया था। इससे देश में शासन, मानवाधिकार और न्याय प्रणाली की पारदर्शिता पर व्यापक बहस छिड़ गई है।